जयपुर. सचिन पायलट के लिए कांग्रेस के दरवाजे अब बंद हो गए हैं। तीन दिन से उन्हें मनाने की तमाम कोशिशें फेल होने के बाद आखिरकार पार्टी ने एक्शन ले लिया। सचिन को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। हालांकि, उन्हें पार्टी से नहीं निकाला है। 

पायलट समर्थक विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा से भी मंत्री पद छीन लिया है। पायलट की जगह गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष बनाया गया है। गणेश गोगरा विधायक को प्रांत युवा कांग्रेस और हेम सिंह शेखावत को प्रदेश सेवा दल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

गहलोत बोले- पायलट भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं

विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पहली बार देश खतरे में आ रहा है। जो सरकार देश में आई है वह धनबल से राज्य की दूसरी सरकारों को तोड़-मरोड़ रही है। सरकारें बदली हैं, राजीव गांधी चुनाव हारे हैं। इस देश में ये सब कुछ हुआ है। आप सोचिए पाकिस्तान में ऐसा नहीं होता। पायलट, भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं। जो मध्यप्रदेश में मैनेज कर रहे थे, वही यहां लगे हैं।

उन्होंने कहा कि आप सोच सकते हैं कि इनका इरादा क्या है? आप बताइए 122 विधायक हमारे साथ हैं। 102 कांग्रेस के है। ऐसी स्थिति में क्या कांग्रेस का कोई विधायक फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकता है। दरअसल, ब्लैकमेल किया गया है।

कांग्रेस ने सचिन को कम उम्र में बहुत कुछ दिया 

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'कांग्रेस नेतृत्व ने बार-बार यह कहा जो राजनीतिक ताकत सचिन पायलट को कम उम्र में दी गई, वो शायद किसी को नहीं मिली। 30-32 साल की उम्र में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया। 34 साल की उम्र में राजस्थान के कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी। 40 साल की उम्र में उपमुख्यमंत्री बनाया। इतने कम समय में किसी को प्रोत्साहित करने का यही मतलब है कि सोनिया और राहुल का आशीर्वाद उनके साथ है। पिछले 4 दिन से भी कांग्रेस कहती रही कि कोई सुबह का भूला शाम को लौट आए तो बात सुनी जाएगी। लेकिन खेद है कि पायलट और उनके कुछ साथी 8 करोड़ राजस्थानियों द्वारा चुनी गई सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं।'

आज भी पायलट का इंतजार किया, बैठक एक घंटे टाली

कल दिन भर सियासी ड्रामा चलता रहा। आज भी हालात ऐसे ही बने। विधायक दल की बैठक सुबह 10:30 बजे होनी थी, लेकिन यह एक घंटे देरी से 11:30 बजे शुरू हुई। बगावत पर उतरे पायलट और उनके समर्थक विधायकों का इंतजार किया गया। इससे पहले पायलट को इस बैठक के लिए न्योता भेजा गया था। हालांकि, पायलट खेमे ने फिर आने से इनकार कर दिया। बैठक में शामिल नहीं हुए विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रस्ताव पास किया गया। सभी विधायकों ने पायलट को पार्टी से निकालने पर सहमति जताई।