राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर जारी फोन टैपिंग पर भाजपा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा कि क्या आधिकारिक रूप से फोन टैपिंग हुई, क्या सरकार ने खुद को बचाने के लिए गैर संवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया? इसकी जांच सीबीआई से कराई जाना चाहिए। ऑडियो टेप गुरुवार रात सामने आए थे। कांग्रेस का आरोप है कि इसमें सरकार गिराने को लेकर बातचीत की गई।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, '2018 में जब राजस्थान सरकार बन रही थी तब से गहलोत और पायलट गुट में सड़कों पर लड़ाई चल रही है। गहलोत के सीएम बनने के बाद कांग्रेस में शीत युद्ध की स्थिति बनी रही। गहलोत जी ने खुद मीडिया के सामने कहा है कि 18 महीने से सीएम और डिप्टी सीएम के बीच बात नहीं हो रही थी। उसके बाद आपने देखा कि हाईकमान तक बात पहुंची। हाईकमान से हाईकोर्ट तक पहुंची। गहलोत जी कहते हैं कि कोई हैंडसम हो, अच्छी बाइट दे तो उससे अच्छा नेता नहीं बनता। ये सारा षडयंत्र कांग्रेस में ही रचा जा रहा था।'

भाजपा के गहलोत सरकार से 6 सवाल

1. क्या आधिकारिक रूप से फोन टैपिंग की गई?

2. फोन टैपिंग की गई है तो क्या यह संवेदनशील इश्यू नहीं हैं?

3. अगर फोन टैपिंग हुई तो क्या इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (एसओपी) का पालन किया गया?

4. क्या गहलोत सरकार ने खुद को बचाने के लिए यह ऑडियो टेप का प्रौपेगेंडा खड़ा नहीं किया?

5. क्या राजस्थान में किसी भी व्यक्ति का फोन टेप किया जा रहा है?  

6. क्या अप्रयत्क्ष रूप से राजस्थान में इमरजेंसी नहीं लगी है?